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सीतामढ़ी - मिथिला के सिरमौर ll Sitamarhi - The Pinnacle of Mithila

2030 तक सीतामढ़ी अप्पन अलग रंग अलग ढंग के संग मिथिला के सिरमौर बने लेल तैयार हय लेकिन केना से जानब आई ई आर्टिकल में -

सीतामढ़ी के राघोपुर बखड़ी में जानकी जी के 251 फिट के विशाल प्रतिमा साथ में 108 टा जानकी जी के जीवनी से संबंधित प्रतिमा बन रहल हई, पुनौराधाम अप्पन भव्यतम रूप ले रहल हई। पुनौराधाम के आसपास बहुते होटल आ विवाह भवन बन गेल हई आ बहुते निर्माणाधीन हय, अइ से संभावना हई जे पर्यटन के भी विस्तार होतय आ आम लोक के रोजगार सृजन करे के वृहत संभावना हय।सीतामढ़ी के पुनौराधाम में आगंतुक पर्यटक सभ लेल सीता के रसोई से नीक स्वादिष्ट आ उत्तम भोजन के भी मुफ्त व्यवस्था केल गेल हय।

Sitamarhi - The Pinnacle of Mithila
Janki Janmbhumi PunauraDham Sitamarhi

सीतामढ़ी से पुनौराधाम,जानकी स्थान, हलेश्वर स्थान, राघोपुर बखड़ी मठ, पंथपाकड़ धाम आ महर्षि बोधायन जी के जन्मस्थली पर लोक के जाय लेल बहुत तरह के ई रिक्शा,ऑटो,कार आदि के भी विस्तार हेतई,फल फूल प्रशाद आदि के भी बहुत रास सँम्भावना हय, सीतामढ़ी के हरारी दुलारपुर में CNG गैस स्टेसन खुल गेल एकड़ा कारण आब लोक सब ज्यादा तर CNG वाला गाड़ी खरीद रहल हय। ई पर्यावरण आ आमदनी दुनु दृष्टिकोण से नीक पहल हय।

Sitamarhi - The Pinnacle of Mithila
251 Feet Janki Ji Statue 

एगो खूबसूरत टाउनशिप भी बन रहल हय जहाँ पर बहुत नीक मेट्रो सिटी टाइप 2- BHK फ्लैट सब भेटत, परिसर में स्विमिंग पूल, पार्क, जिम,मार्केट सब भी रहतई।

                                Read More बाबा हलेश्वर धाम के इतिहास

डुमरा रोड त मानू जेना सीतामढ़ी के बोरिंग रोड हो जतय माने डुमरा रोड में दर्जन भर नवका नवका शॉपिंग मॉल बन रहल हय,सीतामढ़ी के औरों ढेरिक जगह पर भी बहुते बेल्डिंग सब निर्माणाधीन हय। बहुते बड़का बड़का कंपनी के शोरूम खुल रहल हय। सुधा के बड़का प्लांट जतय लगभग 1 लाख लीटर से भी ज्यादा दूध के रोज प्रोडक्शन हो रहल हई आ बहुत रास प्रोडक्ट बन रहल हय। एगो स्विमिंग पूल भी बन के तैयार हय जहाँ रेन डांस कैफेटेरिया आदि सब के सुविधा भी।उपलब्ध हय। हल्दीराम,लुई फिलिप, एडिदास,तनिष्क,कल्याण ज्वेलर्स,डोमोनोज, रिलायंस स्मार्ट बाजार जेहन बड़का ब्रांड सब भी आ गेल हय। रूफ टॉप गार्डन रेस्टुरेंट भी आ रहल हय।

Sitamarhi - The Pinnacle of Mithila
Janaki Sthan Temple Sitamarhi

सीतामढ़ी से सबसे पुरान होटल सीतायन भी अप्पन भव्य रूप आ नया अंदाज में सेवा दे रहल हय। डुमरा में एगो बड़का मॉल बन रहल हय जाइ में दर्जन सँ बेसिये शोरूम,रेस्टोरेंट, जिम सब रहतय। रिगा रोड जानकी स्थान के पास भी एगो बड़का मॉल प्रस्तावित हय साथ में एगो और 100 सीट के मल्टीप्लेक्स भी प्रस्तावित हय।
सीतामढ़ी हाल में नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में भी अव्वल स्थान प्राप्त केलक एहन कृतिमान स्थापित करे वाला सीतामढ़ी मिथिला के प्रथम जिला बनल। सीतामढ़ी में 2 गो पॉलीटेक्निक आ एगो इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई शुरू हय आ मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हय। सीतामढ़ी के डुमरा हवाई फील्ड परिसर में एगो स्टेडियम भी हय जहाँ पर खेल जगत के लोक अप्पन प्रेक्टिस करय हय।



Conclusion

ई आर्टिकल आहाँ सब Mithila Space के वेबसाइट पर पढ़ रहल छी,केहन लागल जरूर बताउ आ दोसर भाग जल्दिये प्रकाशित हेत ई भाग केहन लागल और कि जानकारी चाही कोन टॉपिक पर चाही आहाँ सब कमेंट के माध्यम से जरूर बताउ। Mithila Space आहाँ के सम्पूर्ण जानकारी देबे लेल संकल्पित हय।  हमर सबके Facebook page के आ Twitter हैन्डल के आहाँ सब फॉलो करू ताकि अगिला आर्टिकल के जानकारी आहाँ सबके आसानी जे प्राप्त भ जाय।

रामायण काल से जुड़ल बाबा हलेश्वर धाम के इतिहास भाग 1 || History Of Haleshwar Sthan Part 1

रामायण काल से जुड़ल बाबा हलेश्वर धाम के इतिहास

भाग 1

सीतामढ़ी शहर से सटे फतेहपुर गिरमिसानी में हलेश्वर नाथ महादेव बहुते दयालू छथिन। इहा आ के जलाभिषेक आ पूजा करे वाला के सभहे मनोकामना पूर्ण होइ हय। इहा के शिवलिंग के स्थापना स्वयं राजा जनक जी कैने छथिन आ राम जानकी जी भी इहा आ के पूजा कैने रहथिन कारण महत्व और बढ़ जाइ हय। इहे से हर जोते के दौरान पुनौराधाम में जानकी जी धरती से उत्पन्न भेल रहथिन आ इलाका में आकाल के साया समाप्त भ गेल रहे पुनः मिथिला जल के त्रासदी से जूझ रहल हय मिथिला लेल बहुत चिंता के विषय हय। लेकिन अखनो अइ इलाका के समृद्धि के लेल अखनो किसान परिवार सब बाबा पर जलाभिषेक करैत छथिन। लोग सुख, समृद्धि,शांति,खुशहाली, पुत्र,विवाह आदि लेल बाबा पर जलाभिषेक आ रुद्राभिषेक आदि करैत छथिन।
Haleshwar Sthan



सीतामढ़ी शहर से लगभग 7 किलोमीटर के दूरी पर स्थित हलेश्वर स्थान में त ओना सालों भर श्रद्धालु दर्शन आ जलाभिषेक लेल पहुंचई हय लेकिन साओन में इलाका हर हर महादेव के जयघोष से गुंजित रहई हय। साओन में इहा लाखों के संख्या में भीड़ आबई हय।


पड़ोसी देश नेपाल के नुनथर पहाड़ आ सुप्पी घाट बागमती नदी से जल ले के कांवरिया के जत्था हलेश्वर नाथ महादेव के जलाभिषेक लेल आबै हय। साओन में इहा मुंडन,पूजन,अराधना,भजन, कीर्तन होइत रहई हय। ई स्थल खाली लोक आस्था के न प्रतीक हय बल्कि इहा पर मनोकामना मांगे वाला के भी सब मनोकामना पूर्ण होई हय।


Conclusion

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अप्पन मिथिलाधाम Appan Mithiladham By Rahul Golu Jha

आई हम बात करब अप्पन मिथिला के माने हम्मर मिथिला हमरा नजर में मिथिला केहन हय। हम जखन भी मिथिला के बात करई छी त भावुकता में विभोर भ जाई छी आ अनगढ़ कथा मोन में चले लगई हबे। हम तनको साहित्यिक व्यक्ति न छी आ न ही हमरा मैथिली अकादमी चाही किया कि हम कैलकुलेशन में विश्वास राखै हति खैर बिनोद वाला जमाना में विनोद लोक बुझत कि न जानकी जी जाने।


आधुनिक मिथिला में व्यक्तित्व बड़ो भय गेलो आ संस्कृति छोटो एकड़ा पर चिंतन करि रहलो छौं हम, मिथिला में सबसे पहिल पूजा गोसाउनि के करल जाइ हबे जहाँ कोनों मूर्ति न रहई हय हुनकर पूजा कुल देवता आ ईष्ट देवता के रूप में करल जाइ हय। तकर बाद गामदेवता के पूजा करल जाइ हय ग्राम देवता सीमांत में ज्यादा काल रहैत छथिन आ हमेशा पेड़ के निचे हुनकर स्थान रहइत अछि। ई पूजा प्रकृति से जुड़े के पूजा हय प्रकृति से प्यार करे के पूजा हय।
Appan Mithiladham By Rahul Golu Jha
मिथिला में पुजित ग्राम देवता के तस्वीर

मिथिला में भगवान राम श्री राम मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम के आइयो लोग दामाद के रूप में पूजा करैत अछि। आ जानकी जी सिया धीया, किशोरी जी के रूप में पूजित छथिन। हम सब भगवान से भी अप्पन संस्कृति के समझौता न करलियै इहे बात अपना सबके जगत से अलग करई हय।

एकरो पढू क्लिक कय के - जय श्री आम

आब बात मुद्दा के करब कि आधुनिक मिथिला में व्यक्ति विषेस पैघ भ गेल, ईहाँ नेता जी आ बाबा जी ही भगवान भ गेल हुनका साथ सेल्फी ही दिव्य वरदान भ गेल। ई उहे मिथिला हय जहाँ शंकराचार्य जी के भी विद्वत्ता सिद्ध करे के भेल रहे। ई बात हम लिखली कि हाल में भेल एगो पैघ कथा में भगवानजी जी गौण भ गेलखिन आ बाबा जी पैघ आ एकर परिचर्चा मिथिला हर गली हर मुहल्ला हर दलान पर भ रहल अछि।

एकरो पढू क्लिक कय के:- ढकनेशर बाबा

conclusion

ई लेख आहाँ सब मिथिला के अप्पन सबसे अलग सबसे खास Mithila Space पर पढ़ रहल छी हमरा लेल ई माध्यम नया हय त कोई अशुद्धि आ कुछ गलत लागे त निःसंदेह लिखू हम आगू ध्यान राखब। आ Mithila Space के Facebook पेज आ Twitter पर जरूर जुड़ू।
धन्यवाद
जय जानकी जी

जय श्री आम Jay Shree Aam By :- Aman Akash

जय श्री आम सबगोटे के

गाछी में आम रखबारी का सीजन आ गया है. जईसे ही मज्जर से टिकोला होबे लगता है, गाछी में मचान बने लगता है. रात भर जाग के रखबारी करे वाला सब ता तम्बू गाड़ लेता है. पियरका पन्नी वाला वाटरप्रूफ तम्बू. मचान जानते हैं? जनबे करते होंगे! चार ठो बांस के खूंटा पर पटरा ठोकल दुनिया का सबसे आरामदायक बिछौना. आहा क्या बात! सबसे मीठगर आम गाछी के छाया में बनल मचान, जेकरा पर सूतल-सूतल केतना कॉमिक्स, केतना सरस-सलिल आ केतना प्यार भरी शायरी का किताब चाट गए


अभी छम्मक-छल्लो वाला पन्ना पलटबे किए थे कि आवाज़ आया "धप्पाक".. लगता है बम्बई आम गिरा है.. बम्बई आम का रस पहीले लेंगे, सरस सलिल का रस बाद में लिया जाएगा. जईसे ही मचान से नीच्चे ससरे देखे एगो लौंडा आम लेकर भागने के चक्कर में हैl
"बहुत बुरा हो जाएगा बौआ.. हमारे गाछी का आम है.. ज्यादा काबिल बने ता रात में आकर तुम्हारे गाछी का पूरा आम झखड़ देंगे.. बाप-बाप चिचियाते रह जाओगे!


☀ दू बजे का परचंड दुपहरिया है. जानमारू लू चल रहा है. दूर सड़क पर न एगो आदमी देखाई दे रहा है आ ना कोनो मोटरगाड़ी. गेहूं का कटनी हो गया है. खेत-खरिहान सब भी सुन्न लग रहा है. गाँव-जबार में अइसा मौसम में आग बहुत लगता है. ई सूखल मौसम में गाछी के जड़ में मचान पर बईठकर ठंडा-ठंडा हवा में बम्बई आम चूसने में स्वर्ग का मजा मिलता है. आम खतम होबे ही वाला था कि कोनो गाछी से कोयलिया रानी कूहकी "कू ऊ ऊ ऊ".. आब शुरू हुआ कम्पटीशन.. हम कोयलिया रानी के "कू ऊ ऊ ऊ" में एगो "ऊ" आओर जोड़ दिए. ओकरो के हार पसंद नहीं था.. ऊहो पूरा दम लगाके जोर से कूकूआई. पांच मिनट तक ई "कू ऊ ऊ ऊ" चलता रहा. अंत में हमही हार मान लिए. लेडिज बिरादरी से कौन मुंह लगे!

एगो बात आओर.. आम रखबारी के बहाने बहुत प्रेम कहानियो चलता है. मोबाइल का जमाना ता है नहीं कि चट से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजे आ पट से नाइस पिक डिअर वाला छेछर हरकत कर दिए.. केतना रिस्क लेना पड़ता है..! केतना सरस सलिल पढ़ाना पड़ता है आ केतना मीठका आम मन मारके बलि देना पड़ता है.. तब जाके चिठ्ठी-पतरी होता था..! आ सुनिए, लभ-एस्टोरी में ज्यादा मन मत लगाइए.. आशिकी से केकरो का भला नहीं हुआ है.. आशिकी के चक्कर में राहुल राय आ आदित्य रॉय दुन्नू बेवड़ा हो गए.. अपना गाछी में चलिए.. मौसमो खराब हो रहा है..🌥🌪
Jay Shree Aam By Aman Akash

पच्छिम भर से आसमान भुक्क करिया दिख रहा है. बुझा रहा है अन्हर आएगा.! लौका भी लौक रहा है. ई साला अन्हर कचको आम भी झखड़ देता है.. गाछी में बालू उड़ना चालू हो गया है. सब टोकरी, पथिया, झोरा, बोरा लेकर अपना-अपना गाछी में दौड़ रहा है.. हम कहाँ रखेंगे आम? कुच्छो उपाइए नहीं है.. लेकिन बिहारी आदमी हैं.. जोगाड़ पोलटिस ता बच्चे से जानते हैं.. गंजी उतारे, नीचे से उसका मुंह बांधे आ हमारा झोरा तैयार हो गया.. 30 रूपया वाला कोठारी का गंजी अभिए हफ्ते भर पहीने लिए हैं.. हमको एक्कदम्म पता है कि इसमें आम के दूध का अइसा दाग लगेगा कि कोनो सर्फ एक्सेल नहीं छोड़ा पाएगा.. घर पर आम के जगह पहीले हमारा चटनी बनेगा लेकिन आम बीछना है ता बीछना है..! बाकी का कहानी आपके उप्पर छोड़ देते हैं.. अब आप चाहे आम का अचार बनाइए आ चाहे करबाईट से पकाकर चिउड़ा आ रोटी साथे हपक जाइए.. जय श्री आम..!


अमन आकाश


Conclusion

ई कहानी सीतामढ़ी के अमन आकाश द्वारा लिखल गेल हय, ई कहानी केहन लागल जरूर बताउ कमेन्ट के माध्यम से आ न मिथिला स्पेस के Twitter Facebook पेज से जरूर जुड़ू।

धन्यवाद

Team Mithila Rajya के आव्हान पर 23 अप्रैल के #NationalHolidayOnJankiNavmi हैशटैग पर ट्विटर पर हेत मेगाट्रेंड

Team Mithila Rajya के आव्हान पर 23 अप्रैल के #NationalHolidayOnJankiNavmi हैशटैग पर ट्विटर पर हेत मेगाट्रेंड

पिछला 9-10 महीना से चलैत team mithila rajya के नाम से चलैत ट्विटर स्पेस अइ बेर जानकी नवमी पर रास्ट्रीय अवकाश ले लेल डिजीटल आंदोलन ट्विटर ट्रेंड के घोषणा केलक।

जाहि में टीम के मेंबर पूरा मिथिला समेत पूरा भारत से आवाह्न केलक जे अइ बेर जानकी नवमी पर राष्ट्रीय अवकाश लेल ज्यादा से ज्यादा ट्वीट करु।

Mithila Space




एकड़ा संगे पुनौराधाम धाम में 23 अप्रैल से 29 अप्रैल तक होय वाला जानकी महोत्सव के लेल एकटा अद्वितीय मिथिला नामक प्रतियोगिता केर भी घोषणा केलक।

Mithila Space



जानकी नवमी के उपलक्ष्य में टीम मिथिला राज्य के द्वारा "अद्वितीय मिथिला" वर्चुअल प्रतियोगिता के आयोजन भ रहल हय।भाषण/गायन/कविता में रुचि हतो त अखूनिये तीन मिनट के वीडियो बनबहक आ व्हाट्सएप पर भेज़हक। भेजबहक त शीर्ष स्थान वाला सभके पुरस्कार सेहो भेतटो।

conclusion

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Jallianwala Bagh Massacre जालियावाला बाग हत्याकांड मैथिली में

जालियावाला बाग नरसंहार के 104 साल पूरा भ गेल अछि । 13 अप्रैल, 1919.... ई तारीख थिक, जकरा मोन पाड़ैत देश सिहरि गेल।अमृतसरक जालियावाला बाग मे अंग्रेज शासन भारतीयक खून सँ होली खेलाइत छल। 104 साल बीति गेलाक बादो ओ दिन बिसरल नहि जाइत अछि। ई अंग्रेज पर एकटा खूनी दाग ​​अछि जे कहियो मेटा नहि सकैत अछि । 


ओहि समय महात्मा गांधी के आह्वान पर पूरा देश मे रोलट एक्ट के विरोध भ रहल छल। पंजाब सेहो एहि स अछूत नहि छल, 6 अप्रैल कए अमृतसर मे एकटा पैघ बैसार भेल । जेकरऽ वजह स॑ पंजाब पुलिस प्रशासन न॑ स्वतंत्रता आन्दोलन केरऽ दू बड़ऽ नेता सत्यपाल आरू डॉ. किचलू क॑ गिरफ्तार करी लेलकै । जकर कारण अमृतसर मे लोक आक्रोश स भरल छल। 


13 अप्रैल 1919 के बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियनवाला बाग में स्वतंत्रता सेनानी सब अपन नेता के गिरफ्तारी के विरोध में जमा भ रहल छल | जलियानवाला बाग मे 15 हजार लोकक जुटान शुरू भ चुकल छल। ई सब देखि अंग्रेज सरकार पहिने सँ हिल गेल छल, अंग्रेज सरकार आओर भड़कि गेल छल । पंजाब के तत्कालीन गवर्नर माइकल ओ डायर किछ करय चाहैत छलाह, हुनकर माथ खूनी जोश सं भरल छल। 



तकरा बात 13 मार्च 1940 कए ईस्ट इंडिया एसोसिएशन आ रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी क बैसार लंदन क कैक्सटन हॉल मे चलि रहल छल । जतय शहीद उधम सिंह पहुँचि गेलाह आ हुनका संग एकटा किताब छलनि । पन्ना काटि कए एहि पोथी मे एकटा बंदूक राखल गेल छल । एहि बैसारक अंत मे उधम सिंह किताब मे सँ बंदूक निकालि डायर पर गोली चला देलनि। डायर क॑ दू गोली लगलै आरू पंजाब केरऽ ई पूर्व गवर्नर केरऽ मौका प॑ ही मौत होय गेलै । 


वीर सपूत उधम सिंह जी फायरिंग केलाक बाद सेहो ओ भागबाक प्रयास नहि केलन आ गिरफ्तार भ गेलन। हुनका पर ही ब्रिटेन में मुकदमा चललै आरू उधम सिंह क॑ 4 जून 1940 क॑ हत्या के दोषी ठहरालऽ गेलै आरू 31 जुलाई 1940 क॑ पेंटनविले जेल म॑ फांसी देलऽ गेलै।
Mithila Space
शहीद उधम सिंह जी के श्रंद्धाजलि हम 2 टा पंक्ति कहब :


नहि केलियै कहियो ककरो पर पहिल वार,
लेकिन बदला लेईत छी,जा के सात समंदर पार...!!!



पुनः वर्ष 2013 मे 94 साल बाद भारत आयल तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन अमृतसर के जलियनवाला बाग पहुंचलाह। कैमरन ओतय शहीद के श्रद्धांजलि दैत कहलनि जे 1919 के घटना सचमुच एकटा शर्मनाक घटना छल आ माथ झुका क शहीद के श्रद्धांजलि देलनि। ओ आगंतुकक पोथी मे लिखने छथि जे जलियानवाला बागक घटना बहुत शर्मनाक छल।




हम मातृभाषा में संक्षिप्त में जलियांवाला बाग हत्याकांड पर लिखी के सब शहीद क्रांतिकारी के श्रद्धांजलि देबे के एकटा छोट प्रयास कैलियै इ अर्टिवकल केहन लागल आहाँ सब जरूर कहब।

Jud Sital 2023 : Team Mithila Rajya द्वारा आयोजित कैल गेल निबंध लेखन प्रतियोगिता

मिथिलाक लोक पर्व जुड शीतल जे भारतीय पावनि के वैज्ञानिक सोच के दिशा दैत अछि, आबि रहल अछि | पाबनि मनाबय बला परिवारक चूल्हा एहि दिन नहि जरैत अछि । ई समस्त मिथिला क्षेत्र मे देखल जाइत अछि। पाबनि के शुरुआत भोरे-भोर बुजुर्ग लोकनि अपन परिजन के माथ पर ठंढा पानि ढारि क' हुनका संग जुड़ि क' होइत छथि. गर्मी बढ़ैत-बढ़ैत कडो-माटी बेसी स बेसी पानि के सेवन दिस ध्यान आकर्षित करबाक परंपरा स खेलल जाइत अछि। एहि दिन लोक एक दोसराक देह पर थाल-कादो लगाबैत अछि । गर्मी मे सूर्यक रोशनी सं होएय वाला त्वचा रोग सं बचाव कें लेल मड पेस्ट कें उपयोग कैल जायत छै



मैथिली निबंध प्रतियोगिता

By Team Mithila Rajya
team mithila rajya


विषय: जुड़ शीतल केर महत्व

प्रतियोगिता में के भाग ल सकै छैथ ?

1.भारतक आ विश्वक कोनो कोना में रहनिहार मैथिल

2.वर्ग छः स बारह के छात्र व छात्रा

प्रतियोगिता में भाग कोना लेब ?

1.प्रतियोगिता ऑनलाइन होयत त आहाँ "जुड़ शीतल के महत्व" पर अप्पन निबंध लिखि नीचा देल गेल व्हाट्सएप पर ओकर फोटो वा स्कैन क भेज सकैत छी।
2.निबंध संग अप्पन संक्षिप्त जानकारी यथा नाम,पिता क नाम,गाम,स्कूल इत्यादि जरूर लिखि क पठाबी।
3.निबंध मैथिली में 250-300 शब्द में लिखि,लिपी देवनागरी के प्रयोग क सकैत छी मूदा मिथिलाक्षर में लिखि सकब त बेसि निक रहत।
4.प्रथम तीन स्थान प्राप्त केनिहार प्रतिभागी के प्रोत्साहन राशि भी देल जायत।
5.निबंध प्रतियोगिताक परिणामक घोषणा जुड़ शीतल दिन सांझक 8 बजे ट्विटर स्पेस में देल जायत।

व्हाट्सएप नंबर - 8486798216 पर निबन्ध भेजू



जुड शीतल २०२३ १५ अप्रैल २०२३ शुक्र दिन मनाओल जायत, जखन कि सत्तुआनी १४ अप्रैल के मनाओल जायत। मिथिला मे जुड सीतल के दिन चूल्हा नहि जराओल जाइत अछि । पावनि सँ एक दिन पहिने सत्तुआनीक राति मे तैयार बड़ी भात के प्रसाद देवता केँ चढ़ाओल जाइत अछि | संगहि कनि अतिरिक्त कढ़ी बड़ी भात बनाओल जाइत अछि जाहि सँ अगिला दिनक भोजन लेल पर्याप्त हो । तैं एकरा बसिया पबिन सेहो कहल जाइत छैक । चूल्ही पर कढ़ी, बसिया बड़ी आ भात चढ़ेबाक परंपरा अछि ।


लोकक आबय के बाट ठंढा करय लेल सड़क पर पानि ढारल जाइत अछि। ई एहि मौसम मे धूल सं बचय के साधन के काज करैत अछि।कतेको ठाम सड़क पर पानि के छिड़काव जाड़क शुरुआत सं शुरू भ जाइत अछि आ पूरा महीना धरि चलैत रहैत अछि. छोट सँ पैघ गाछ मे सिंचाई आ तुलसी गाछ पर पानि छिड़कबाक प्रथा अछि जे जुड सितल के समय ऑक्सीजन दैत अछि | बदलैत मौसम मे वनस्पति संरक्षण पर सेहो ध्यान आकर्षित करैत अछि ।