मिथिलाक लोक पर्व जुड शीतल जे भारतीय पावनि के वैज्ञानिक सोच के दिशा दैत अछि, आबि रहल अछि | पाबनि मनाबय बला परिवारक चूल्हा एहि दिन नहि जरैत अछि । ई समस्त मिथिला क्षेत्र मे देखल जाइत अछि। पाबनि के शुरुआत भोरे-भोर बुजुर्ग लोकनि अपन परिजन के माथ पर ठंढा पानि ढारि क' हुनका संग जुड़ि क' होइत छथि. गर्मी बढ़ैत-बढ़ैत कडो-माटी बेसी स बेसी पानि के सेवन दिस ध्यान आकर्षित करबाक परंपरा स खेलल जाइत अछि। एहि दिन लोक एक दोसराक देह पर थाल-कादो लगाबैत अछि । गर्मी मे सूर्यक रोशनी सं होएय वाला त्वचा रोग सं बचाव कें लेल मड पेस्ट कें उपयोग कैल जायत छै
मैथिली निबंध प्रतियोगिता
By Team Mithila Rajya
विषय: जुड़ शीतल केर महत्व
प्रतियोगिता में के भाग ल सकै छैथ ?
1.भारतक आ विश्वक कोनो कोना में रहनिहार मैथिल
2.वर्ग छः स बारह के छात्र व छात्रा
प्रतियोगिता में भाग कोना लेब ?
1.प्रतियोगिता ऑनलाइन होयत त आहाँ "जुड़ शीतल के महत्व" पर अप्पन निबंध लिखि नीचा देल गेल व्हाट्सएप पर ओकर फोटो वा स्कैन क भेज सकैत छी।
2.निबंध संग अप्पन संक्षिप्त जानकारी यथा नाम,पिता क नाम,गाम,स्कूल इत्यादि जरूर लिखि क पठाबी।
3.निबंध मैथिली में 250-300 शब्द में लिखि,लिपी देवनागरी के प्रयोग क सकैत छी मूदा मिथिलाक्षर में लिखि सकब त बेसि निक रहत।
4.प्रथम तीन स्थान प्राप्त केनिहार प्रतिभागी के प्रोत्साहन राशि भी देल जायत।
5.निबंध प्रतियोगिताक परिणामक घोषणा जुड़ शीतल दिन सांझक 8 बजे ट्विटर स्पेस में देल जायत।
व्हाट्सएप नंबर - 8486798216 पर निबन्ध भेजू
जुड शीतल २०२३ १५ अप्रैल २०२३ शुक्र दिन मनाओल जायत, जखन कि सत्तुआनी १४ अप्रैल के मनाओल जायत। मिथिला मे जुड सीतल के दिन चूल्हा नहि जराओल जाइत अछि । पावनि सँ एक दिन पहिने सत्तुआनीक राति मे तैयार बड़ी भात के प्रसाद देवता केँ चढ़ाओल जाइत अछि | संगहि कनि अतिरिक्त कढ़ी बड़ी भात बनाओल जाइत अछि जाहि सँ अगिला दिनक भोजन लेल पर्याप्त हो । तैं एकरा बसिया पबिन सेहो कहल जाइत छैक । चूल्ही पर कढ़ी, बसिया बड़ी आ भात चढ़ेबाक परंपरा अछि ।
लोकक आबय के बाट ठंढा करय लेल सड़क पर पानि ढारल जाइत अछि। ई एहि मौसम मे धूल सं बचय के साधन के काज करैत अछि।कतेको ठाम सड़क पर पानि के छिड़काव जाड़क शुरुआत सं शुरू भ जाइत अछि आ पूरा महीना धरि चलैत रहैत अछि. छोट सँ पैघ गाछ मे सिंचाई आ तुलसी गाछ पर पानि छिड़कबाक प्रथा अछि जे जुड सितल के समय ऑक्सीजन दैत अछि | बदलैत मौसम मे वनस्पति संरक्षण पर सेहो ध्यान आकर्षित करैत अछि ।
