आधुनिक मिथिला में व्यक्तित्व बड़ो भय गेलो आ संस्कृति छोटो एकड़ा पर चिंतन करि रहलो छौं हम, मिथिला में सबसे पहिल पूजा गोसाउनि के करल जाइ हबे जहाँ कोनों मूर्ति न रहई हय हुनकर पूजा कुल देवता आ ईष्ट देवता के रूप में करल जाइ हय। तकर बाद गामदेवता के पूजा करल जाइ हय ग्राम देवता सीमांत में ज्यादा काल रहैत छथिन आ हमेशा पेड़ के निचे हुनकर स्थान रहइत अछि। ई पूजा प्रकृति से जुड़े के पूजा हय प्रकृति से प्यार करे के पूजा हय।
मिथिला में पुजित ग्राम देवता के तस्वीर
मिथिला में भगवान राम श्री राम मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम के आइयो लोग दामाद के रूप में पूजा करैत अछि। आ जानकी जी सिया धीया, किशोरी जी के रूप में पूजित छथिन। हम सब भगवान से भी अप्पन संस्कृति के समझौता न करलियै इहे बात अपना सबके जगत से अलग करई हय।
एकरो पढू क्लिक कय के - जय श्री आम
आब बात मुद्दा के करब कि आधुनिक मिथिला में व्यक्ति विषेस पैघ भ गेल, ईहाँ नेता जी आ बाबा जी ही भगवान भ गेल हुनका साथ सेल्फी ही दिव्य वरदान भ गेल। ई उहे मिथिला हय जहाँ शंकराचार्य जी के भी विद्वत्ता सिद्ध करे के भेल रहे। ई बात हम लिखली कि हाल में भेल एगो पैघ कथा में भगवानजी जी गौण भ गेलखिन आ बाबा जी पैघ आ एकर परिचर्चा मिथिला हर गली हर मुहल्ला हर दलान पर भ रहल अछि।
धन्यवाद
जय जानकी जी
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conclusion
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जय जानकी जी
