मनचाहा प्यार, वशीकरण, परिवारिक कलह, सउतिन से मुक्ति, मुकदमा में जीत, गुप्त खजाना के बाद आब पेश हबे ढकनेशर बाबा से मनचाहा राजधानी
नवका राज्य के सूत्रधार तंज सम्राट स्वामी ढकनेशर बाबा एकबेर तांत्रिक बाबा लग में फोन लगेलक।
ओम्हर से मुलायम आवाज आएल- 'कि चाही बौआ'
ढकनेशर :- बाबा आहाँ त सर्वज्ञ छियै बाबा हमर समसिया त आहाँ अपने बूझिये सकै छी, हमरा कहे में संकोच भ रहल अछि।
बाबा हँसलन- ओहो मनचाहा राजधानी?
ढकनेशर के हँ कहला पर बाबा ढक्कनेशर से राजधानी स्थान आ क्षेत्रफल पुछलक, ढकनेशर स्थान आ क्षेत्रफल बतबैत कहलक जे बाबा हमरा राज्य अगल होय या न होय लेकिन राजधानी भेट जाय त आगू के जीवन मे चार चांद लागि जेत।
बाबा कहलक:- तोहर इरादा आ हरकत देख के बुझा रहल हउ जे ई आसान न हई अइ लेल बहुत कठिन साधना करे परत ताहि हेतु बहुत समान लगतई तै लेल तीस-चालीस हजार लगतउ।बहुत मोल जोल के बाद बाबा से सौदा 20 हज़ार में तय भेल।
बाबा कलहल:- तत्काल नवका सरसो के 10 टा दाना आ 5 ता मखान लेला 10 लाख बेर जयघोष करा हमरा चाही फलना राज्य, ताले हमरॉ पैसा भेट जेतो तब अगिला मंत्रसिद्ध सरसों आ मखान के दाना से करबै तखन उ दाना जहाँ जा के छिट देबहक उ पवित्र स्थान 24 घण्टा से राजधानी में बदल जेतो।काम न भेला पर पैसा वापसी के गारंटी हउ बच्चा।
लेकिन अप्पन ढकनेशर त अपने तेज उ कहलक:- हे बाबा हम त बेरोजगार आदमी 20 हजार के जुआ खेले में डर भ रहल हबे आहाँ पहिने राजधानी बना दु तखन पाई भेज देब हम। हनरो दिस सँ फूल गारन्टी अछि।
बाबा गुस्सा के कहलाह:- मूर्ख बालक चंदा के पैसा देबे में भी एतेक डरबही त जो तोरा श्राप दैत छियौ कहियो तोहर राजधानी न बनतउ।
ढकनेशर भी हिंदी में विनोद वचन सब सुना के फोन काट देलक।
ओम्हर से मुलायम आवाज आएल- 'कि चाही बौआ'
ढकनेशर :- बाबा आहाँ त सर्वज्ञ छियै बाबा हमर समसिया त आहाँ अपने बूझिये सकै छी, हमरा कहे में संकोच भ रहल अछि।
बाबा हँसलन- ओहो मनचाहा राजधानी?
ढकनेशर के हँ कहला पर बाबा ढक्कनेशर से राजधानी स्थान आ क्षेत्रफल पुछलक, ढकनेशर स्थान आ क्षेत्रफल बतबैत कहलक जे बाबा हमरा राज्य अगल होय या न होय लेकिन राजधानी भेट जाय त आगू के जीवन मे चार चांद लागि जेत।
बाबा कहलक:- तोहर इरादा आ हरकत देख के बुझा रहल हउ जे ई आसान न हई अइ लेल बहुत कठिन साधना करे परत ताहि हेतु बहुत समान लगतई तै लेल तीस-चालीस हजार लगतउ।बहुत मोल जोल के बाद बाबा से सौदा 20 हज़ार में तय भेल।
बाबा कलहल:- तत्काल नवका सरसो के 10 टा दाना आ 5 ता मखान लेला 10 लाख बेर जयघोष करा हमरा चाही फलना राज्य, ताले हमरॉ पैसा भेट जेतो तब अगिला मंत्रसिद्ध सरसों आ मखान के दाना से करबै तखन उ दाना जहाँ जा के छिट देबहक उ पवित्र स्थान 24 घण्टा से राजधानी में बदल जेतो।काम न भेला पर पैसा वापसी के गारंटी हउ बच्चा।
लेकिन अप्पन ढकनेशर त अपने तेज उ कहलक:- हे बाबा हम त बेरोजगार आदमी 20 हजार के जुआ खेले में डर भ रहल हबे आहाँ पहिने राजधानी बना दु तखन पाई भेज देब हम। हनरो दिस सँ फूल गारन्टी अछि।
बाबा गुस्सा के कहलाह:- मूर्ख बालक चंदा के पैसा देबे में भी एतेक डरबही त जो तोरा श्राप दैत छियौ कहियो तोहर राजधानी न बनतउ।
ढकनेशर भी हिंदी में विनोद वचन सब सुना के फोन काट देलक।
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