Comments

vvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvvv

valentine day maithili poetry - राजू एस. यादव

अहाँ पसिन छी हमरा।

हम अहाँके छी वा नै,
हमरा पता नै!
अहाँक माथ पर सटल ओ बिंदी
लागै जेना दिनकर केँ हिंदी
पेन्हने छी जे नीला साड़ी
दूर सँ लागी नीलगिरीक पहाड़ी
जखन अहाँक फ़ोटो के निहारी
हर्षित भअ जाय दिल'क कमरा
अहाँ पसिन छी हमरा।
हम अहाँके छी वा नै,
हमरा पता नै!
मोन परै अहाँक बोली
फोन पर केल्हा हँसी-ठिठोली
सूर्योदय सँ सूर्योदय तक
देखी हम अहींक सपना
कहिया हटतै प्रेम सँ अपना
राहु-केतु आ शनिचर'क पहरा
अहाँ पसिन छी हमरा।
हम अहाँकेँ छी वा नै,
हमरा पता नै!
परपोज़ नै हमरा क'र' अबैए
की लिखी किछ नै फुरैए
कहाँदिन अहाँ बहुते पढ़ल छी
तब किएक अंजान बनल छी
पढ़ी लियौ ने मोन में की छै
चली रहल छै कोन ककहरा
अहाँ पसिन छी हमरा।
हम अहाँकेँ छी वा नै,
हमरा पता नै!

- राजू एस. यादव




conclusion

ई  valentine day maithili poetry केहन लागल आहाँ सब जरूर बताउ आ आहाँ सब अप्पन रचना आ आर्टिकल भी भेजू हमर सबके Whatsapp पर, आहाँ के आर्टीकल रचना सब में अगर दम हेत त जरूर पब्लिस हेत।