तिला सकराईत पर मिथिला में अखनो परंपरा अछि जे सनेस भेजल जाइत अछि आ संक्रान्ति के ठीक बाद शालीग्राम शिला रूपी सनेस त्रेता के कल्पना करा देलक, त्रेता में भी शायद एहने सनेश ले जायल गेल हेत जनक जी के दरबार से
मिथिला के ई नजरिया से तीनों लोक के स्वामी मिथिला के पाहुन आ जगत के जननी मिथिला के धिया ,ई भाव व्यक्त करैत अछि जे हम सब अखन भी कतेक ज्यादा अप्पन संस्कृति के ले के कट्टर छी।
हमर Mithila Space के यात्रा भी त्रेता के 2023 तक जोड़े लेल सांस्कृतिक पुल बनाबे के यात्रा हई। ई Artical के सलाह सुझाव प्रतिक्रिया आहाँ सब जरूर दु आ मिथिला के सांस्कृतिक यात्रा में हमर सबके सहयोग करू।
conclusion
मिथिला के नव पीढ़ी के ई दायित्व अछि जे अप्पन संस्कृति के विभिन्न माध्यम से दुनिया के बताउ जे अप्पन संस्कृति कतेक महत्वपूर्ण हई।हमर Mithila Space के यात्रा भी त्रेता के 2023 तक जोड़े लेल सांस्कृतिक पुल बनाबे के यात्रा हई। ई Artical के सलाह सुझाव प्रतिक्रिया आहाँ सब जरूर दु आ मिथिला के सांस्कृतिक यात्रा में हमर सबके सहयोग करू।
